तबियत ठीक नहीं है मेरी, मुझे नज़र लगी है,
बताओ, मेरे बारे में कहाँ-कहाँ बात की है?
हिचकियाँ थमती ही नहीं, कोई तो महफ़िल सज़ी है,
बताओ, मेरा नाम लेकर कितनी दफ़ा बात की है?
क्यूँ हर मोड़ पर तुमने मेरी यादों को बसाया है,
किस-किस से तुमने अपने दिल की बात कही है?
गुज़रा मत करो उन राहों से,
जहाँ ठहर कर तुमने कभी मेरी बात की।
उठ जाया करो उस महफ़िल से जब मेरा नाम आए,
नज़र लग जाती है मुझको — कितनी बार ये बात कही है।
तबियत ठीक नहीं है मेरी, मुझे नज़र लगी है,
बताओ, मेरे बारे में कहाँ-कहाँ बात की है
-anjaan