Wednesday, February 23, 2011

याद

याद
यादों से तेरी कैसे लडेंगे
तुम ही कहो दूर तुम से कैसे रहेंगे
बंद आँखों से भी तुझे ही देखू
खोलू जो आँखें, न पा के तुझको
लोगो से पूछू
अभी अभी यहाँ महबूब था मेरा
मुझको बता दो कहा चला गया
बहुत सताती है यादें तेरी
यादो से कहता हूँ तुम हो बस मेरी
दिल कहता है यादो से इतना न मुझको सताओ
महबूब के साथ बीताया हर लम्हा मेरा वापस ले आओ
कितना तडपता हूँ कुछ तो तरस खाओ
मुझको जल्दी महबूब से मिलाओ .