Monday, January 23, 2017

रोशनी

गुलिस्तां काँटों से इतना भर गया है कि
मोहब्बत का हिसाब मांगने लगे हैं लोग
रोशनी से इस कदर डरने लगें हैं कि
अँधेरे में भी मुँह छुपा के निकलने लगे हैं लोग

Wednesday, January 18, 2017

हिम्मत

पक्षियों से कह दो उड़ना छोड़ दो
हिम्मत है तो उनका हौसला तोड़ दो
लोग कहते है उम्मीद छोड़ दो
हिम्मत है तो सबका भरोसा तोड़ दो
आरक्षण की जंजीर पकड़ना छोड़ दो
हिम्मत है तो तुम जातपात तोड़ दो
खुले आसमान के नीचे जीना छोड़ दो
हिम्मत है तो अपना आशियाना तोड़ दो
-अंजान

Friday, January 6, 2017

जिंदगी

उलझा हुआ हूँ
ए जिंदगी
तुझे सुलझाने में
लोग कहते हैं
उम्र बीत जाती है
तुझे समझने में
कौन अपना कौन पराया
कौन दोस्त कौन दुश्मन
ये कैसी पहेली है
दूर से देखो जैसे रंगोली है
पास से देखो सबकी चादर मैली है
समझ जाऊंगा तुझे उम्र के
किसी पड़ाब पर
अभी मैने हार कहाँ मानी है
उलझा हुआ हूँ
ए जिंदगी
तुझे सुलझाने में
लोग कहते हैं
उम्र बीत जाती है
तुझे समझने में
जहर पिलाने वाले भी हैं बहुत तुझे
मोहब्बत से तू पिघल जाती है
ये बात क्यों भूल जाती है
समझ जाऊंगा तुझे उम्र के
किसी पड़ाब पर
अभी मैने हार कहाँ मानी है
-अंजान

आश


बांह फैलाये खड़ा हूँ
जैसी ही मिलेगी मोहब्बत
उसे भींच लूंगा
पल भर में उसे अपने अंदर
खींच लूंगा...