Saturday, December 28, 2019

डोनेट ण ऑवर

जगमग जगमग दीप जले
पग पग पर फूल खिले
जब जब कोई
डोनेट ण ऑवर करे
नयन मीनाक्षी में दिव्य ज्योति बसे
तो कैसे ना शिक्षा का प्रसार बढ़े
घर घर पहुंच जाए शिक्षा
जब जब कोई
डोनेट ण ऑवर करे
अगर हो मन में निष्ठा
न हो संकोच क्या होगी प्रतिष्ठा
नही मार्ग दुर्गम शिक्षा का
तो क्यों राह पकड़े
बच्चा भिक्षा का
जला दो हर कोने में चिंगारी
जब ज्ञान की आई है बारी
बस करना है छोटा सा काम

डोनेट ण ऑवर करे
डोनेट ण ऑवर करे
🙏🙏🙏🙏

जंगल की सफारी

चलो याद करते हैं
वो जंगल की सफ़ारी,
जंगल की सर्द हवा जैसे हो रही हो बर्फ़बारी ।
वो झरने की कलकल
 हिरण था कितना चंचल।
चलो याद करते हैं
वो जंगल की सफ़ारी
वो अंधेरे की दहशत,
शेर देखने का मक़सद ।
वो होटल की मस्ती,
रातभर जगाने की जबरदस्ती।
चलो याद करते हैं
वो जंगल की सफ़ारी
टट्रैवेलर्स में खेला डम्ब शरार्ड
वो हौज़ी का कार्ड
कितना मुश्किल था 27 नंबर काटने का इंतज़ार
वो अन्ताक्षरी में गलत गानों की झड़ी ।
चलो याद करते हैं
वो जंगल की सफ़ारी
सुबह की विलेज वॉक,
वो मस्ती भरी टॉक।
वो सेल्फी का शौक,
कर रहा था उस वक़्त को लॉक।
चलो याद करते हैं
वो जंगल की सफ़ारी
गिरिजा माता के दर्शन
से टूर बन गया था मनभावन
सबकी मनोकामना हो पूरी
चलो याद करते हैं
वो जंगल की सफ़ारी

आत्म ज्ञान

जब तक अपने से अनजान है ,
तू अज्ञान है ।
अपने को जानना ही ध्यान है,
ये आत्म ज्ञान है ।
 चकाचौंध को जीवन समझना,
करता तुझको बेजान है।
फूल ,पक्षी,पानी को सहेजना,
ही आत्म ज्ञान है ।
क्रोध,ईर्ष्या,लालच,धन
योवन का उन्माद है ।
मानव सेवा ,देश सेवा करना,
की आत्म ज्ञान है ।

मोहब्बत

मोहब्बत की बात करते करते
न जाने कब देबदास बन गए
आंखों में बसे थे तुम ख्वाब बनकर
न जाने कब तुम मेरे रब बन गए

Wednesday, June 5, 2019

जमात

इश्क़ में तन्हाईयाँ और बढ़ गयी
ये दीवारें बहरी क्या हो गयी।

अक्स नही दिखता अब दर्पण में
ये सोच मैली क्या हो गयी।

रौशन नही होती रात अब जुगनुओं से
घर मे चिरगों की कमी क्या हो गयी।

हिफाजत नही होती अब इश्क़ की
शहर में भेड़ियों की जमात क्या हो गयी।