Monday, March 26, 2012

राजनेता (भ्रस्टाचार)

चेहरे पर नकाब लगा चूका हूँ मैं
राजनीति में उतर चूका हूँ मैं
झूठ,मक्कारी,आश्वासन जैसे हथियार साथ ले चला हूँ मैं
देश का राजनेता बन चूका हूँ मैं
किस कुर्सी पर बैठना है
यह हुनर सीख चूका हूँ मैं
संसद में हंगामा कर रहा हूँ मैं
कैसे उसको चलने नहीं देना यह सीख चूका हूँ मैं
आई.ए.एस ,पी.सी .एस को फटकार रहा हूँ मैं
लाल बत्ती लगाकर मंत्री बन गया हूँ मैं
अनपढ होकर देश चला रहा हूँ मैं
हर पांच सालो में पचास साल पीछे देश धकेल रहा हूँ मैं
चेहरे पर नकाब लगा चूका हूँ मैं
देश का राजनेता बन चूका हूँ मैं

लोरी

आँखों में आयी नििदया रानी
लेके सपनो का एक बगीचा
बगीचे बैठी हुई है परियों की रानी
बनाकर चंदा का पालना, सुलाया मेरे बेटे को
बनाकर तारों की डोरी ,झुलाया है मेरे बेटे को
रोने लगा तो चांदनी के आँचल से ढककर
दूध पिलाया परियों के रानी ने
आँखों में आयी नििदया रानी
सो जा मेरे बेटे सो जा मेरे बेटे