अंधकार को चीरकर
मै मसाल जलाऊंगा
साम दाम दंड भेद नीति से
मै अधिकार दिलाऊंगा
नही हो तुम भाग्यविधाता
मै तुमको जतलाऊंगा
तिलक लगाया है माथे पर
मै ही विजय पथ सजाऊंगा
हर हर महादेव का नारा लगाकर
मै ही तांडव नृत्य दिखाऊंगा
मै मसाल जलाऊंगा
साम दाम दंड भेद नीति से
मै अधिकार दिलाऊंगा
नही हो तुम भाग्यविधाता
मै तुमको जतलाऊंगा
तिलक लगाया है माथे पर
मै ही विजय पथ सजाऊंगा
हर हर महादेव का नारा लगाकर
मै ही तांडव नृत्य दिखाऊंगा
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