में तेरी गली से
खामोश गुजर जाऊंगा
बदनाम न हो जाए तू
इस डर से आवाज़ न लगाऊंगा
ख्वाब में जो तू आएगी
चुप चाप में तुझको देखूंगा
नींद न टूट जाए कही
इस डर से आवाज़ न लगाऊंगा
जो तू मिल जाए अकेले में
इधर उधर हो जाऊंगा
सर्फ़िरा न समझ ले तू
इस डर से आवाज़ न लगाऊंगा
जिस रोज़ देखेगी तू
कुछ वक्त ठहर जाऊंगा
आंशुओं से सब कह जाऊंगा
पर बदनाम न हो जाए तू
इस डर से आवाज़ न लगाऊँगा