चिराग जला गए बुझे दिल में
रोशन कर गए दिल को , कुछ इस तरह
जख्म देखकर रो पड़े
आँखों से मेरी अश्क ले उड़े, कुछ इस तरह
आँखों के दरीचे से घुस कर
धडकनों में बस गया है कोई , कुछ इस तरह
हाथों में दामन थमा रहा है
दिल में उतर रहा है कोई , कुछ इस तरह
रोशन कर गए दिल को , कुछ इस तरह
जख्म देखकर रो पड़े
आँखों से मेरी अश्क ले उड़े, कुछ इस तरह
आँखों के दरीचे से घुस कर
धडकनों में बस गया है कोई , कुछ इस तरह
हाथों में दामन थमा रहा है
दिल में उतर रहा है कोई , कुछ इस तरह