Wednesday, April 15, 2020

लॉक डाउन

लॉक डाउन में घर मे क़ैद तो हुए
पर बढ़ गयी संबंधनो में नज़दीकियां
शाम को आफिस वाली थकान महसूस नही होती
जबकि करता हूँ बच्चो के साथ पूरे दिन मस्तियाँ
पूरे दिन घर मे रहकर देखा
बिना उफ्फ किया कैसे संभालती है बीवी जिम्मेदारियां
कुछ हाथ बटा दिया मैंने भी
देखा कैसे छोटी छोटी चीजों से आ जाती हैं चेहरे पर खुशियां
जब देखता हूँ बचपन मे देखी फिर से रामायण
सोचता हूँ कितनी पाल रखी है हमने अपने अंदर खामियाँ
शुक्रिया करें इस लॉक डाउन का
जिसने सीखा दी जिंदगी जीने की बारीकियां
लॉक डाउन में घर मे क़ैद तो हुए
पर बढ़ गयी संबंधनो में नज़दीकियां
-अंजान "एक स्पर्श"