हर रोज़ चला आता है
गबरू बालकनी में बहाने जिम के
कुछ नशा सा हो गया है
मोहल्ले की भाभियों को कसम से
रोक लो इसको गजब हो जाएगा
भाभियों का सब्र टूट गया
तो समझो गदर छा जाएगा
गबरू बालकनी में बहाने जिम के
कुछ नशा सा हो गया है
मोहल्ले की भाभियों को कसम से
रोक लो इसको गजब हो जाएगा
भाभियों का सब्र टूट गया
तो समझो गदर छा जाएगा
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