Wednesday, March 24, 2010

याद


मेरे बीते हुए दिन मुझे लोटा दो
खो गया है प्यार मेरा, मुझे याद दिला दो

क्यों बहते हैं अश्क मेरे
कोई तो इनको थमने का रास्ता बता दो

हर वक्त दिल से एक टीस ही उठती है
कोई तो मुझको मेरे इश्क का किस्सा सुना दो

रातो को मेरी चीख निकल पड़ती है
कोई तो आकर मेरा दरवाज़ा खटखटा दो

कमरे की खाली दीवारें मुझे डराती हैं
कोई तो उनकी तस्वीर दीवारों पर लगा दो

बिखर जाऊं उन के गम में इससे पहले
कोई तो आकार मुझे संभालो

कब से बैठा हूँ पलके बीछाये उनके इंतज़ार में
कोई तो मेरी फ़रियाद उन तक पहुंचा दो