खंजर बन गया है तेरा मुस्कराना
जख्मी हो गया है तेरा हर दीवाना
चाँद लगने लगा है तेरा चेहरा
शायर हो गया है तेरा हर दीवाना
आँखों से जो पिलाने लगे हो
शराबी हो गया है तेरा हर दीवाना
होठ तेरे जो कमाल से खिले हैं
भंवरा बन है तेरा हर दीवाना
सपनो में जो आने लगे हो
“सुनसान है गालियाँ” सो गया हिया तेरा हर दीवाना
खंजर बन गया है तेरा मुस्कराना
जख्मी हो गया है तेरा हर दीवाना