Friday, March 5, 2010

ऐ दिल तू फिकर न कर


ऐ दिल तू फिकर न कर


दिल की बात कहने को बुलाया है
उनको केंडल लाइट डीनर पर
आज मैं वोह सब कह दूँगा
ऐ दिल तू फिकर न कर

जो वोह नजरे चुरायेगी
चुपके से उसके हाथों पर अपना हाथ रख दूँगा
जो वोह पीछे करेगी धीमे से दबा दूँगा
पर आज मैं वोह सब कह दूँगा
ऐ दिल तू फिकर न कर

बस उसकी आँखों में ही देखूंगा
चाहे तेज हो जाये दिल की धडकन
इशारों में सब कह दूँगा
परआज मैं वोह सब कह दूँगा
ऐ दिल तू फिकर न कर

मैं कुछ पल चुप रहूँगा
जब खामोसी उसको सताएगी
तुम कुछ कहते क्यूँ नहीं कुछ ऐसे बोलेगी
चाहे लडखडा जाये मेरी जुबान
पर आज मैं वोह सब कह दूँगा
ऐ दिल तू फिकर न कर