Wednesday, October 21, 2009

तू वीर है


बजुओ में जब बल है

किस्मत को क्यों कोसता है

हाथो की लकीरों को क्यो देखता है

कमजोर नही तू वीर है तू वीर है


तूफानों को चीरकर

मुसीबतों को पीछे छोड़ के

आगे निकल तू भीड़ से

कमजोर नही तू वीर है तू वीर है


हिम्मत दे जाए जवाब

लगे टूटता सा सपना

हौसला मत खोना अपना

कमजोर नही तू वीर है तू वीर है

आंख तेरी भर आएगी

सामने मंजिल जब पायेगा

तब तू सब से कह पायेगा

कमजोर नही में वीर हूँ में वीर हूँ