Sunday, February 26, 2017

चेहरा

मजे मजे में पी ली थी एक बार
चेहरा नज़र आ गया था  हर एक शक्श का

सरहद का वीर

सरहद पर खड़ा है वीर
पता नहीं जिसे वक़्त का
ना जाने कब बह जाए
समंदर रक्त का
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
ध्यान रखे हुआ है हर एक शक्श का
जब तक खड़ा है वीर मेरे मुल्क का