Tuesday, May 11, 2010

छुप छुप के


तेरे यादों से में दिल लगाता हूँ
आज कल में धीमे धीमे मुस्कराता हूँ

दुनिया वालों से में यह राज़ छुपाता हूँ
आज कल में छुप छुप के मुस्कराता हूँ

तू जो मिल जाए कही
मैं नज़रें चुराता हूँ

दुनिया वालो से में यह राज़ छुपाता हूँ
आज कल मैं छुप छुप के शर्माता हूँ

सोचता हूँ तेरे बारे में
लब्जो में हर बात सजा लेता हूँ

दुनिया वालों से यह राज़ छुपता हूँ
आज कल मैं छुप छुप के गुनगुनाता हूँ


जिक्र तेरा छिड जाए तो
मैं महफ़िल छोड़ जाता हूँ

दुनिया वालो से में यह राज़ छुपाता हूँ
आज कल मैं छुप छुप के रोता हूँ


तेरे यादों से में दिल लगाता हूँ
आज कल में धीमे धीमे मुस्कराता हूँ

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