ऐ दिल तू फिकर न कर
दिल की बात कहने को बुलाया है
उनको केंडल लाइट डीनर पर
आज मैं वोह सब कह दूँगा
ऐ दिल तू फिकर न कर
जो वोह नजरे चुरायेगी
चुपके से उसके हाथों पर अपना हाथ रख दूँगा
जो वोह पीछे करेगी धीमे से दबा दूँगा
पर आज मैं वोह सब कह दूँगा
ऐ दिल तू फिकर न कर
बस उसकी आँखों में ही देखूंगा
चाहे तेज हो जाये दिल की धडकन
इशारों में सब कह दूँगा
परआज मैं वोह सब कह दूँगा
ऐ दिल तू फिकर न कर
मैं कुछ पल चुप रहूँगा
जब खामोसी उसको सताएगी
तुम कुछ कहते क्यूँ नहीं कुछ ऐसे बोलेगी
चाहे लडखडा जाये मेरी जुबान
पर आज मैं वोह सब कह दूँगा
ऐ दिल तू फिकर न कर
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