अभी उनसे मिल के आया था
फ़िर मिलने को दिल मचल उठा है
कुछ और वक्त ठहर जाते ऐ जालिम
कहते कहते अश्क झलक उठा है
वीरान था यह दिल
तुमने फ़िर से रंग भर दिया है
मेरी जिंदगी का हर पल
तेरी यादों से फ़िर महक उठा है
सोचता था कभी
तनहा न रह जाऊ
लेकिन तुमने जिंदगी में आके
महफ़िल में जाना सिखा दिया है
आंखे बंद कर ली है मैंने
अब तो बस इंतज़ार है तेरे आने का
अब तो बस इंतज़ार है तेरे आने का
कुछ और वक्त रुक जाते ऐ जालिम
कहते कहते अश्क झलक उठा है
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