अब तो बस इंतज़ार है तेरे आने का
Wednesday, November 25, 2009
कुछ और वक्त ठहर जाते
अब तो बस इंतज़ार है तेरे आने का
Sunday, November 22, 2009
ख़ामोशी
में तेरी गली से
खामोश गुजर जाऊंगा
बदनाम न हो जाए तू
इस डर से आवाज़ न लगाऊंगा
ख्वाब में जो तू आएगी
चुप चाप में तुझको देखूंगा
नींद न टूट जाए कही
इस डर से आवाज़ न लगाऊंगा
जो तू मिल जाए अकेले में
इधर उधर हो जाऊंगा
सर्फ़िरा न समझ ले तू
इस डर से आवाज़ न लगाऊंगा
जिस रोज़ देखेगी तू
कुछ वक्त ठहर जाऊंगा
आंशुओं से सब कह जाऊंगा
पर बदनाम न हो जाए तू
इस डर से आवाज़ न लगाऊँगा