जाने कौन मुझे याद आ गया
खामोश थी निगाहें , जाने कौन रुला गया
दर्द जो छुपा रखा था , जाने कौन कुरेद गया
खामोश थी निगाहें , जाने कौन रुला गया
मेरे दिल को पसंद थी तन्हाई
दिल लगा के , जाने कौन जिन्दा मार गया
एक आवाज़ है जो दिल को तड़पाती है
फिर भी पागल हूँ सुनने को , जाने कौन दिल्लगी कर गया
न जाने क्या पाने को दिल करता है मेरा
अशको से ग़मों को मिटो दिया था मैंने , जाने कौन फिर ख्यालों में आ गया
जाने कौन मुझे याद आ गया
खामोश थी निगाहें , जाने कौन रुला गया
-अंजान
खामोश थी निगाहें , जाने कौन रुला गया
दर्द जो छुपा रखा था , जाने कौन कुरेद गया
खामोश थी निगाहें , जाने कौन रुला गया
मेरे दिल को पसंद थी तन्हाई
दिल लगा के , जाने कौन जिन्दा मार गया
एक आवाज़ है जो दिल को तड़पाती है
फिर भी पागल हूँ सुनने को , जाने कौन दिल्लगी कर गया
न जाने क्या पाने को दिल करता है मेरा
अशको से ग़मों को मिटो दिया था मैंने , जाने कौन फिर ख्यालों में आ गया
जाने कौन मुझे याद आ गया
खामोश थी निगाहें , जाने कौन रुला गया
-अंजान
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