तुमसे एक बार मिलने की चाहत थी
मुझको खबर न थी
तुमसे मिलकर मेरी रातों की नींद उड़ जाएगी
बात मिलने की थी ,इतनी बढ जाएगी
मुझको खबर न थी
जब मेरे नैनो ने , तेरे नैनो में झाँका था
तब तेरे नैनो ने भी मेरे नैनो में झाँका था
मुझको खबर न थी
चाहे तूने कुछ न कहा था
पर तेरे दिल की हर बात अक्षर अक्षर बन कर
मेरे जहन में उतर रही थी
मुझको खबर न थी
एक बिजली सी कड़की थी
और तुम डर से
तुम मेरी बाँहों में सिमट रही थी
मुझको खबर न थी
मेरी हर सांस में नाम भी तेरा है
धडकनों में अहसास भी तेरा है
मुझको खबर न थी
बात मिलने की थी अंजान ,इतनी बढ जाएगी
मुझको खबर न थी
-अंजान
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