Monday, March 26, 2012

लोरी

आँखों में आयी नििदया रानी
लेके सपनो का एक बगीचा
बगीचे बैठी हुई है परियों की रानी
बनाकर चंदा का पालना, सुलाया मेरे बेटे को
बनाकर तारों की डोरी ,झुलाया है मेरे बेटे को
रोने लगा तो चांदनी के आँचल से ढककर
दूध पिलाया परियों के रानी ने
आँखों में आयी नििदया रानी
सो जा मेरे बेटे सो जा मेरे बेटे

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