Monday, July 16, 2012

मोहब्बत-ए-आशिक


तुम क्या गए हमको छोडकर
जीना मुहाल हो गया
दर्द –ए – दिल की दवा बनकर
लोगो की नसीहत आने  लगी
क्या पाया तुने मोहब्बत-ए-आशिक बनकर 

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