बदनाम तो हम पहले भी थे
पर इतने न थे
तुमने जो इल्जाम लगाये
उसमे मिले गम भी कम न थे
साहिल पर बैठकर देखा था
रेत पर लिखे नामो को मिटते हुए
आज जो देखा मिटते हुए अपना नाम
आंखों से निकले आंसू भी कम न थे
बेवफा हम को कहके
आप ख़ुद को बचा गए
आज अकेले है हम लेकिन
दाग तेरे दमन में भी कम न थे
2 comments:
u r genius :-)
this one is superb
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