Monday, October 3, 2016
पतझर
पतझर में नंगे हो गए थे जो पेड़
सूख कर गिर गए बारिश के इंतज़ार में
शमायें
ना जाने कितनी शमायें जल उठी
परवाने देखकर
इन्हे भी तड़पा तड़पा कर
जान लेने में मज़ा आता है
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)