Thursday, December 9, 2010
शायरी
1.बस तेरी याद में लिख लेता हूँ
सोच कर यही कही तू तनहा तो नहीं
2.अभी अभी पैगाम आया है उनके आने का
ए-दिल अब तू बहाना न बना उनसे नज़रें चुराने का
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